FACTS ABOUT BAGLAMUKHI REVEALED

Facts About baglamukhi Revealed

Facts About baglamukhi Revealed

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जपित्वा मन्त्रराजं तु ध्यात्वा श्री बगलामुखीम्‌॥ १९ ॥

By Checking out the symbolism and meaning behind Maa Baglamukhi, one can acquire a better idea of her divine electricity and seek out her blessings to get a positive and victorious everyday living.

Indicating- Baglamukhi Beej sounds are Utilized in the mantra. It worships the goddess to depart the enemies powerless by immobilising their venomous tongues, toes, and intellect. They will never have the ability to act versus you when their movements are constrained.

Safety from hurt: The devotees are shielded from accidents, deadly harms, evil eye and black magic spells. Baglamukhi Mata generates a divine protecting shield all-around them.

This mantra might also assist you conquer obstacles, attain Work opportunities that were still left unfinished, and minimise your liabilities.

मक्खन से इस कवच को अभिमंत्रित करके बंध्या स्त्री को खिलाने से, वह baglamukhi पुत्रवती हो जाती है। 

ह्लीं बगलामुखी विद्महे दुष्टस्तंभनी धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्॥

सन्दीप शाह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। वे तकनीक के माध्यम से हिंदी के प्रचार-प्रसार को लेकर कार्यरत हैं। बचपन से ही जिज्ञासु प्रकृति के रहे सन्दीप तकनीक के नए आयामों को समझने और उनके व्यावहारिक उपयोग को लेकर सदैव उत्सुक रहते हैं। हिंदीपथ के साथ जुड़कर वे तकनीक के माध्यम से हिंदी की उत्तम सामग्री को लोगों तक पहुँचाने के काम में लगे हुए हैं। संदीप का मानना है कि नए माध्यम ही हमें अपनी विरासत के प्रसार में सहायता पहुँचा सकते हैं।

भूर्जपत्रेष्विदं स्तोत्रमष्टगन्धेन संलिखेत्‌।

देवी के दस महाविद्या स्वरुप में से एक स्वरुप माँ बगलामुखी का है। इन्हें पीताम्बरा और ब्रह्मास्त्र भी कहा जाता है। ये स्वयं पीली आभा से युक्त हैं और इनकी पूजा में पीले रंग का विशेष प्रयोग होता है.। इनको स्तम्भन शक्ति की देवी माना जाता है। जो लोग माँ बगलामुखी की उपासना करतें हैं उनके जीवन से कष्ट उसी प्रकार दूर हो जातें हैं जिस प्रकार जंगल में लगी आग सभी वृक्षों को समाप्त कर देती है। बगलामुखी साधना से सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा का नाश हो जाता है।

घर की शुद्ध भूमि जहं होई। साध्का जाप करै तहं सोई।

नव दिन जाप करे जो कोई। व्याधि रहित ताकर तन होई।।

ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानाम वाचं मुखम पदम् स्तम्भय।

जाप करै जो लक्षहिं बारा। ताकर होय सुयशविस्तारा।।

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